बातें करना किसे अछा नहीं लगता? पर वो बात कौन सी है जो मन को ख़ुशी दे,
में तो आजकल जहाँ भी जाती हु ऊऊँ लड़कीओ की बात करती हुँ जौ ईस वक़्त पहले न: परहैं जिन्होंने देश ,अपने माता पिता , या शहर का …नाम बड़ा किया है ताकि दसरो मैं यह ख्वाहिश जगऐ उन्को भी बेटी होयह ख़्वाहिश जगे तो में अपने आप कॉ खुशकिस्मत मनुगि…अप भी जहाँ जाएँ ऐसा कारें …समाज बदले ,,,फिर हम रहें या न…हमारी डॉटर अछि रहें
में तो आजकल जहाँ भी जाती हु ऊऊँ लड़कीओ की बात करती हुँ जौ ईस वक़्त पहले न: परहैं जिन्होंने देश ,अपने माता पिता , या शहर का …नाम बड़ा किया है ताकि दसरो मैं यह ख्वाहिश जगऐ उन्को भी बेटी होयह ख़्वाहिश जगे तो में अपने आप कॉ खुशकिस्मत मनुगि…अप भी जहाँ जाएँ ऐसा कारें …समाज बदले ,,,फिर हम रहें या न…हमारी डॉटर अछि रहें
jeevan mei
ReplyDeleteudaasi ke kuchh khaas paloN ko
sahej lene se bhi
ik ajab-sa sukoon haasil hone lagtaa hai
aur
toot-fuut ko
aap kavita.may alfaaz mei badal daleNgi
aisa bharosaa to kiya hi ja saktaa hai .
"daanish"
dkmuflis.blogspot.com
जीवन ऐसा ही द्वन्द है.... अंतर्मन का गहरा सच लिए है आपकी पोस्ट
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