लड़कियां
बाबा को पसंद नहीं
लड़कियों का
आँगन से बाहर झांकना
उन्हें कतई पसंद नहीं
कि लड़कियां झुण्ड बना
गाँव कि किसी गली में
खड़ी हो
माओं पर हो रहे अत्याचारों की
कथा बुनें
और मर्दों कि नामर्दगी पर
अपनी राय रखें
बाबा कि राय में
लड़कियों का जन्म ही इसीलिए
होता है
कि वे
औलादें जनती रहें
और बीनती रहें जिस्म कि चोटें
धीरज की धरती कि माफिक
सहती रहें - गलत भी ठीक तरह
उन्हें कतई कतई पसंद नहीं
लड़कियों का खिलखिला कर हँसना
और अगर
उन्हें यह महसूस हो कि
लड़कियां बढ़ रही है
अपनी औकात से आगे
तो वे रचना शुरू कर देते हैं
लड़कियों को कुचलने कि साजिश....
बाबा को पसंद नहीं
लड़कियों का
आँगन से बाहर झांकना
उन्हें कतई पसंद नहीं
कि लड़कियां झुण्ड बना
गाँव कि किसी गली में
खड़ी हो
माओं पर हो रहे अत्याचारों की
कथा बुनें
और मर्दों कि नामर्दगी पर
अपनी राय रखें
बाबा कि राय में
लड़कियों का जन्म ही इसीलिए
होता है
कि वे
औलादें जनती रहें
और बीनती रहें जिस्म कि चोटें
धीरज की धरती कि माफिक
सहती रहें - गलत भी ठीक तरह
उन्हें कतई कतई पसंद नहीं
लड़कियों का खिलखिला कर हँसना
और अगर
उन्हें यह महसूस हो कि
लड़कियां बढ़ रही है
अपनी औकात से आगे
तो वे रचना शुरू कर देते हैं
लड़कियों को कुचलने कि साजिश....
No comments:
Post a Comment